हमारा गुरु मंत्र: सेफ्टी फर्स्ट एंड सेफ्टी फॉर ऑल
प्रत्येक बावीशी फर्टिलिटी क्लिनिक में न केवल मरीज़, बल्कि गर्भ मे पल रहे बच्चे की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता है।
हमारा सिक्योरिटी सिस्टम एआरटी उपचार के दौरान मरीज की पहली विज़िट से लेकर अंत तक उसके सभी सैंपल की सटीक ट्रैकिंग और सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
हमारी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन – आइवीएफ लैब प्रक्रियाएं जरा-सा भी जोखिम नहीं लेती। हम आईवीएफ ग्रेड के पानी या फ्रोस्ट रेजिस्टेंट लेबल (स्थायी स्याहि) द्वारा सटीक लेबलिंग करते हैं ताकि संदेह की कोई गुंजाइश न हो और हम संदिग्ध की पहचान को ध्यान में रखते हुए सख्ती से निरीक्षण करते हैं।
इतनी सतर्कता का पूरा श्रेय हम अपनी आईवीएफ लैब की टीम को देते है |हम विशेष देखभाल के साथ जटिल प्रक्रियाओं में दोगुना सतर्क रहतें हैं। इसलिए इस स्तर पर प्रक्रिया हमेशा दो व्यक्तियों की उपस्थिति में की जाती है, अर्थात् तकनीशियन जो प्रक्रिया करता है, उसका निरीक्षण एक और व्यक्ति भी करता है, ताकि कोई गलती न हो।
यह डबल-चेक कई स्तरों पर किया जाता है: स्पर्म फ्रीजिंग, कैपेसिटेशन, अंडाणुओं की रिकवरी, इंजेक्शन, माइक्रो-इंजेक्शन, भ्रूण ट्रांसफर, क्रायोप्रिजर्वेशन आदि प्रक्रिया में पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है ताकि इस पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई गलती न हो।
शरीर के तरल पदार्थ से फैलने वाले संभावित इन्फेक्शन को रोकने के लिए, इलाज करवा रहे प्रत्येक कपल्स का अनिवार्य परीक्षण किया जाता है।
जिन सेम्पल में इन्फेक्शन होने की संभावना होती है, उन्हें अलग-अलग कंटेनरों और अलग-अलग टैंकों में फ्रीज करके रखा जाता है।
आईवीएफ के दौरान मरीज हमेशा अपनी सुरक्षा और किसी भी प्रक्रिया के संभावित साइड इफेक्ट के बारे में चिंतित रहते हैं। आपकी पूरी सुरक्षा के लिए हमारे पास फायर अलार्म, सीसीटीवी, सुरक्षाकर्मी और अन्य सेवाएं मौजूद हैं।
ऑपरेशन थिएटर, एनेस्थीसिया और अन्य उपकरण हमेशा सुरक्षा के मापदंडो से बेहतर गुणवत्ता वाले होते हैं।
हाँ, बीएफआई OHHS से पूरी तरह मुक्त है!
आईवीएफ एक जटिल प्रक्रिया है इसलिए इसमें कुछ समस्या हो सकती हैं। इनमें से सबसे सामान्य है ओवेरियन हाइपर स्टिमुलेशन सिंड्रोम – OHSS। वर्षों के अनुभव और अद्यतन तकनीक के उपयोग ने BFI को OHSS मुक्त क्लीनिक बनाया है। बीएफआई के लिए आईवीएफ एक सरल प्रक्रिया है। हम OHSS के प्रति जागरूक हैं, जिस OHSS को जल्दी पहचान केउसे रोक सकते हैं|
जैसे किसी चीज की कमी होना एक समस्या है, वैसे ही बहुत अधिक होने पर भी समस्या हो जाती है। वास्तव में सब कुछ संतुलन होना चाहिए। IVF के उपचार में गोनैडोट्रोपिन, FSH (फोलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) और LH (ल्यूटाइनाइजिंग हार्मोन) का उपयोग करता है। ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने वाले इंजेक्शन, जिसे ओवरी जब ओवररिएक्ट करती है, उसे OHSS कहतें है।
ये मानदंड हमें ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को प्रेरित करने से लेकर अंडे को कब लेना है, फ्रेश भ्रूण का उपयोग करना है या फ्रोझन भ्रूण का उपयोग करना है, या भ्रूण को कब स्थानांतरित करना है, इस बारे में निर्णय लेने में मदद करते हैं। सभी केंद्रों पर इन मानकों का समान रूप से पालन किया जाता है। हम गर्व से कह सकते हैं कि पिछले 10 वर्षों में OHSS का एक भी गंभीर मामला सामने नहीं आया है।
अस्पतालों के लिए नेशनल एक्रिडिशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स – NABH एक शीर्ष संस्थान है, जो अस्पताल की गतिविधियों की जांच कर अस्पतालों को मान्यता प्रदान करता है। मरीज़ की सुरक्षा के लिए बुनियादी सुविधाएं और प्रोटोकॉल एवं SOP के लिए सख्त मापदंड रखते हैं। हमारे केंद्र NABH द्वारा मान्यता प्राप्त है या उनकी प्रक्रिया में हैं।
हम पूरी सुरक्षा और अच्छे परिणामों के लिए विश्व विख्यात सोनोग्राफी और एंडोस्कोपी मशीनों के साथ-साथ अत्याधुनिक आईवीएफ लैब उपकरण का उपयोग करते हैं।
किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन को रोकने के लिए ओटी और लैब को नियमित रूप से कीटाणुरहित किया जाता है। बेक्टेरियल इन्फेक्शन को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की अक्सर निगरानी की जाती है।
एएमसी टीम नियमित रूप से एनएबीएच मानदंडों के अनुसार सभी उपकरणों का निरीक्षण करती है।
बावीशी फर्टिलिटी क्लिनिक विशेष रूप से असिस्टेड रिप्रोडक्शन प्रक्रिया की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी प्रतिबंधों और प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करता है:
आईवीएफ लैब, ऑपरेशन थिएटर तापमान और आर्द्रता नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। यदि वायु की गुणवत्ता को बनाए नहीं रखा गया तो अंडे, शुक्राणु और भ्रूण खराब हो सकते हैं। हमारी आईवीएफ लेब्स में 1000 क्लीन एयर सिस्टम हैं जो यूरोपीय मानकों की तुलना में दस गुना अधिक स्वच्छ हवा प्रदान करती हैं।
हमारे आईवीएफ लैब में सभी सैंपल लैमिनार फ्लो हुड यानी फैन हुड से होकर गुजरते हैं।
हुड में ऊपर की तरफ HEPA फिल्टर होते हैं, जो सैंपल के साथ-साथ कर्मचारियों को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए हवा को फिल्टर करते हैं। हवा के प्रवाह को क्षैतिज (आड़ा) रखा जाता है, ताकि हवा के कोई कण नमूने के संपर्क में न आए।
हम भ्रूण की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक TRIAS इन्क्यूबेटरों का उपयोग करते हैं। हमारे इन्क्यूबेटर स्मार्ट अलार्म सिस्टम से सुसज्जित हैं। यह सिस्टम AI की मदद से महत्वपूर्ण मापदंडों जैसे तापमान और विभिन्न गैसों के स्तर जैसे CO2 की निगरानी करता है। भ्रूणविज्ञान टीम किसी भी समय किसी भी उतार-चढ़ाव के बारे में तुरंत अवगत हो जाती है।
हमारे आईवीएफ लैब के बड़े स्टाफ के कारण हम हर चीज की दोबारा जांच करने में सक्षम हैं। पुरुष और स्री गेमेट्स (बीज) और भ्रूण परीक्षण के लिए दोहरी जांच की आवश्यकता होती है।
प्रत्येक महत्वपूर्ण प्रक्रिया जिसमें एक कवर स्लिप से दूसरे में एक नमूना भेजा जाता है, यह हमेशा दो लोगों की उपस्थिति में किया जाता है, अर्थात तकनीशियन द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया की निगरानी दूसरे व्यक्ति द्वारा भी की जाती है ताकि कोई गलती न हो।
स्पर्म फ्रीजिंग, स्पर्म कैपेसिटेशन, ओसाइट रिकवरी, इनसेमिनेशन, माइक्रोइंजेक्शन, भ्रूण ट्रांसफर, क्रायोप्रेजर्वेशन जैसे कई चरणों में डबल चेक किए जाते हैं: ये सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
सैंपल का तापमान सामान्य तापमान यानी 37 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखा जाना चाहिए। हमारी प्रयोगशाला एक अलार्म सिस्टम से सुसज्जित है जो बाहरी तापमान स्तर की निगरानी करती है। यदि तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक होता है तो अलार्म बजने लगता है।
आईवीएफ की तकनीक बहुत लोकप्रिय हो गई है। बहुत से लोग आईवीएफ पसंद करते हैं। यह अपने आप में साबित करता है कि आईवीएफ एक सुरक्षित प्रक्रिया है।
आईवीएफ का इलाज कराने से पहले लोग मां और बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। वे दवा के दुष्प्रभाव, गर्भावस्था की जटिलताओं, बच्चे के स्वास्थ्य, बच्चे में किसी भी आनुवंशिक या अन्य दोष, शिक्षण क्षमता की कमी, सामाजिक और वैवाहिक जीवन में किसी भी कठिनाई से चिंतित होते हैं।
मरीजों को दवाओं के साइड इफेक्ट और कैंसर के खतरे के बारे में भी चिंता है। लेकिन उन दावों का कोई दीर्घकालिक दुष्प्रभाव नहीं है। आईवीएफ उपचार के आंकड़ों को देखते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रक्रिया से कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है, लेकिन अधिक से अधिक कैंसर रोगी अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने और कैंसर के इलाज से प्रभावित न होने के लिए अंडे को फ्रीज करके संतान पैदा करना चाहते हैं।
बीएफआई में प्रत्येक प्रक्रिया एक के बाद एक की जाती है। भ्रूण को इनक्यूबेटर से तभी हटाया जाता है, जब उस पर कोई प्रक्रिया संपन्न करनी होती है। रोगी के नाम और पहचान की पुष्टि के लिए दोहरी जांच की जाती है।
यह माता-पिता पर निर्भर है कि वे एक भ्रूण या दो भ्रूण विकसित करें। कुछ माता-पिता जुड़वाँ होने का दोगुना आनंद लेना चाहते हैं जबकि कुछ को एक समय में एक बच्चे की परवरिश करनी होती है।
आप एक या दो भ्रूण रखना चाहते हैं, निर्णय आपका होगा। बीएफआई सिंगल एम्ब्रीयो ट्रान्सफर- eSET प्रोटोकॉल का विकल्प प्रदान करता है। ई-सेट प्रोटोकॉल की मदद से कई गर्भधारण और उनके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि प्रजनन उपचार के दौरान दो गर्भधारण की औसत दर 20% है। ई-सेट सुविधा की मदद से ही सबसे अच्छे भ्रूण का पता लगाया जा सकता है। ई-सेट प्रोटोकॉल की मदद से भ्रूण को अलग करने और प्रत्यारोपित करने और कई गर्भधारण और संबंधित समस्याओं से बचने का विकल्प होता है।
प्रजनन चिकित्सा और प्रजनन क्षमता की अत्याधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में बीएफआई के विशाल अनुभव के कारण, बीएफआई के सुरक्षित उपचार की सफलता दर लगातार बढ़ रही है।
हमसे अभी संपर्क करें।
निःसंतानता के कारण अपने जीवन को अंधकारमय न बनाएं। बावीशी फर्टिलिटी क्लिनिक का सुरक्षित और सफल उपचार अपनाएं।
WhatsApp us